नए सूरज की सौगात है कविता
स्वाति-जल-जीवन-बरसात है कविता
कविता जुही, दुध-मुँही, अनछुई कुंदकली है
ग्रीष्म की तपन में पलाशवन बीच बावली है
कविता शिर्फ शब्दों का मेल नहीं है,
जन्नत का जादू है ! हँसी खेल नहीं है
कविता वेद है, वेदों में साम है कविता
गीता में कृष्ण, त्रेता में राम है कविता
सत्यम, शिवम, सुंदरम का साक्षात्कार है,
परमात्मा की श्रेष्ठतम कृति है, अक्षरधाम है कविता।
ओ! अक्ल के अनगढ़ ठेकेदारों!
वो घायल तुम पायल पर पत्थर मत मारो
आदमी की औकात कह जाएगी कविता
त्रिलोचन वह, ऊँकार बन रह जाएगी कविता